अयोध्या दिवाली दीपोत्सव 2025

अयोध्या में धूमधाम से मनाया गया रिकार्ड ब्रेकिंग 26.17 लाख मिट्टी के दीपक जलाए गए

मा सरयू के तट पर इस साल 2025 मे जहा लाखों मिट्टी के दीपक जले , पृष्टभूमि मे भव्य राम मंदिर की झलक देखने को मिली और आसमानी आतिशबाजी और ड्रोन का एक अलग ही नजारा देखने को मिला आसमान मे |
मा सरयू का घाट इस साल के दीपोत्सव मे सुनहरी रोशनी का प्रीतिबिंब बना जो नदी मे पड़ता हुआ दिखाई दिया | इसी भीड़ मे लाखों लोगों ने दीप जलाए और पूजा अर्चना करते दिखे |

इस साल घाट पर रिकार्ड ब्रेकिंग 26.17 लाख मिट्टी के दीपक जलाए गए जो अपने आप मे एक इतिहास रच दिया | इस कार्यक्रम मे 33000 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग भी लिया , जिन्होंने मिलकर इस वर्ष के दीपोत्सव 2025 के रिकार्ड को संभव बनाया |

दिव्य भव्य शोभा यात्रा और सांस्कृतिक झकिया भी देखने को मिली

मुख्य समारोह की शुरुआत भव्य शोभा यात्रा से हुई, जिसमें 22 थीम-आधारित झाँकियाँ (Tableaux) निकाली गईं। इन झाँकियों में रामायण के सात कांडों की झलक प्रस्तुत की गई — बालकांड से लेकर उत्तरकांड तक। झाँकियों में आधुनिक लाइटिंग और ध्वनि तकनीक का प्रयोग किया गया, जिससे पूरी यात्रा मंत्रमुग्ध करने वाली बनी रही।

इसके साथ-साथ स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक लोकनृत्य, रामलीला और भक्ति संगीत के माध्यम से माहौल को और भी पवित्र बना दिया। शहर के हर कोने में रामनाम गूंज उठा।

क्या हैं इसका धार्मिक महत्व और क्यू हैं ये खास दीपोत्सव ?

अयोध्या में दिवाली का धार्मिक महत्व अत्यधिक है क्योंकि यही वह पवित्र भूमि है जहाँ भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनकी वापसी पर नगरवासियों ने दीप प्रज्वलित कर स्वागत किया था। उसी परंपरा को आज भी दीपोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

2025 में यह आयोजन राम मंदिर प्रांगण और सरयू घाट दोनों स्थानों पर हुआ। शाम को की गई सांध्य आरती और दीपदान के दृश्य इतने भव्य थे कि दर्शक भावविभोर हो उठे।

पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा प्रभाव ?

अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि हैं , जहा पर भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे उनके लौटने की खुसी मे वहा की प्रजा ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया था | तब से आज तक ये परंपरा चली या रही हैं | जब से भगवान राम का मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हुआ हैं तब से ही यहा पर्यटन का बहुत बड़ा केंद्र बन गया हैं और हर साल रिकार्ड ब्रेकिंग करोड़ों लोग दर्शन करने आते हैं | इसके बाद जब हर साल दिवाली मे दीपोत्सव होता हैं तब भी हजारों लोग इस दीपोत्सव मे हिस्सा लेने आते हैं जिससे यहा का पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर पाज़िटिव असर पड़ता हैं |
होटल , रेस्टरेन्ट और स्थनीय मार्केट मे रिकार्ड बिक्री होती हैं |
हस्तशिल्प , दिये और पूजा समग्री की मांग बढ़ी हैं |
देश-विदेश से आए पर्यटकों ने स्थानीय संस्कृति , खान-पान और परम्पराओ को करीब से देखा हैं |
इससे हमारी अयोध्या अब एक विश्वस्तरीय धार्मिक-सांस्कृतिक गंतव्य के रूप मे उभर रहीं हैं |

अयोध्या दीपोत्सव 2025 एक ऐसा आयोजन रहा जिसने आध्यात्मिकता, सांस्कृतिक गर्व और तकनीकी नवाचार — तीनों को एक साथ जोड़ा। सरयू तट की जगमगाहट, रामायण की झाँकियाँ, भक्ति-संगीत और दीपों की अनगिनत लौ ने यह सिद्ध कर दिया कि यह केवल त्योहार नहीं, बल्कि रामराज्य की भावना का उत्सव है।

अयोध्या की यह दिवाली आने वाले वर्षों के लिए प्रेरणा बन गई है — जहाँ हर दीप एक संदेश देता है कि अंधकार चाहे कितना भी गहरा क्यों न हो, एक छोटा-सा दीप भी उसे मिटा सकता है।

अगले वर्ष अगर आप अयोध्या जाए तो क्या-क्या योजना बनाए ?

अगर आप दिवाली या दीपोत्सव मे आगे सालों मे अयोध्या मे जाना चाहते हैं तो आप इन सारे टिप्स को अपना सकते हैं |
1) होटल और ट्रेन या बस यात्रा की बुकिंग पहले से ही करके रख ले ताकि भीड़ मे आप कही परेशान न हो |
2) कैमरा को साथ मे लेकर आए जो आपको रात्री के ड्रोन झांकी और दीये की मनमोहक रोशनी को अपने कैमरे मे कैद कर सके |
3) घाटों पर जितना जल्दी हो सके जल्दी से जल्दी पहुचने की कोशिस करे ताकि आप भीड़ की परेशानियों से बच सके और दीपोत्सव , आरती और ड्रोन झांकी का भरपूर आनंद ले सके |
4) मंदिर दर्शन और आरती मे शामिल; होकर धार्मिक अनुभव को और गहरा बनाए |
5) स्थानीय दिशा-निर्देश का पालन करे और सुरक्षा को अपनाए

Leave a Comment